पंचेन्द्रियों पर विजय प्राप्त करनेवाले बुद्ध देव, श्रमण मार्गी दोनों सद्धर्म के विरुद्ध विचार व्यक्त करने पर भी,
घर-घर भिक्षा लेकर फिरनेवाले मेरे हृदय को आकृष्ट करनेवाले
प्रभु ही चित्त चोर हैं।
मदमस्त गज को विनष्ट कर उसकी खाल को ओढ़े हुए
उस दृश्य के द्वारा उन्मत्त के सहश दिखने वाले प्रभु मेरे आराध्य देव हैं।
समृद्ध ब्रह्मपुरम में प्रतिष्ठित प्रभु यही तो हैं।
रूपान्तरकार डॉ.एन.सुन्दरम 2010