रोग-ग्रस्त मृतकों की भस्म को
देह पर धारण करने वाले,
वृषभ (वाहन) पर संचरण करने वाले,
शीष पर कपाल-माला पहनने वाले प्रभु!
अदिकै के केडिलम् नदी के तट पर स्थित
वीरस्थान नामक देवालय में प्रतिष्ठित
मेरे आराध्यदेव!
आप नमन करने वालों के
कर्म-बंधनों को काटने वाले हैं।
पर आप तो मृतकों के कपाल में
भिक्षा लेकर फिरते हैं।
आपकी शक्ति से विस्मय होकर
आपको अपनाने की इच्छा होती है।
पर आपकी भिक्षा-वृŸिा को देखकर संषय होता है।
यह भी संषय होता है कि
आपको अपनाने से हमें क्या लाभ मिलेगा?
रूपान्तरकार डॉ.एन.सुन्दरम 2000