श्याम ज्योति वर्ण वाले विष्णु, सरसिजासन पर सुषोभित ब्रह्मा, इन दोनों के लिए हमारे प्रभु अगोचर हैं।
हमारे आराध्यदेव षिव महिमा मंडित ज्योति पंुज स्वरूप, मन में उद्भूत होने वाले अज्ञानान्धकार को दूर कर ज्ञान ज्योति फैलाने वाले हैं।
पृथ्वी, आकाष, देव लोक आदि सप्तलोकों को पारकर ब्रह्माण्ड से भी परे
दिव्य ज्योतिर्मय हैं।
वे पुलि़यूर में प्रतिष्ठित हैं।
आपका स्मरण न करने पर यह मानव जीवन व्यर्थ है।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000