हमारे आराध्यदेव षिव मेरी सब तरह से रक्षा करने वाले हैं।
भक्तों के दुःख दूर करने वाले, भेषज स्वरूप हैं।
इस विषाल संसार के हृदय में उद्भूत हैं।
हमारे रक्षक हैं।
पंचेन्द्रियों के आकर्षण से दूर रहने वालों,
संसार की मोह माया से दूर रहने वालों के आप आश्रय दाता हैं
आप पुलि़यूर में प्रतिष्ठित हैं।
आपका प्रतिदिन स्मरण न करने पर
यह मानव जीवन व्यर्थ है।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000