जलाषयों से समृद्ध
अदिकै के केडिलम् नदी के तट पर स्थित
वीरस्थान देवालय में प्रतिष्ठित
मेरे आराध्यदेव!
मैंनंे जलाषय-रक्षकों की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया।
तट पर खड़े लोगों से पूछा कि गहराई कितनी है?
उन लोगों ने बताया कि
तुम ही पानी में उतरकर पता लगा लो।
पानी में उतरकर तैरने लगा।
पार करने में असमर्थ होकर भटकता रहा।
मधुर वचन से सर्वथा अनभिज्ञ रहा।
मैं शूल-रोग से छटपटा रहा हूँ।
रूपान्तरकार डॉ.एन.सुन्दरम 2000