दानकर्ता दान कीजिए
चौथा तिरुमुरै
113 दशके, 1070 पद्य, 50 मन्दिर
001 तिरुवदिहै वीरट्टाऩम्
 
इस मन्दिर का चलचित्र                                                                                                                   बंद करो / खोलो

 

Get Flash to see this player.


 
काणॊलित् तॊहुप्पै अऩ्बळिप्पाहत् तन्दवर्गळ्
इराम्चि नाट्टुबुऱप् पाडल् आय्वु मैयम्,
५१/२३, पाण्डिय वेळाळर् तॆरु, मदुरै ६२५ ००१.
0425 2333535, 5370535.
तेवारत् तलङ्गळुक्कु इक् काणॊलिक् काट्चिहळ् कुऱुन्दट्टाह विऱ्पऩैक्कु उण्डु.


 
पद्य : 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10
पद्य संख्या : 7 पद्य: कॊल्लि

உயர்ந்தேன்மனை வாழ்க்கையும் ஒண்பொருளும் ஒருவர்தலை காவல் இலாமையினால்
வயந்தேஉமக் காட்செய்து வாழலுற்றால் வலிக்கின்றது சூலை தவிர்த்தருளீர்
பயந்தேயென் வயிற்றின் அகம்படியே பறித்துப்புரட் டிஅறுத் தீர்த்திடநான்
அயர்ந்தேன்அடி யேன்அதி கைக்கெடில வீரட்டா னத்துறை அம்மானே. 

उयर्न्देऩ्मऩै वाऴ्क्कैयुम् ऒण्बॊरुळुम् ऒरुवर्दलै कावल् इलामैयिऩाल्
वयन्देउमक् काट्चॆय्दु वाऴलुट्राल् वलिक्किण्ड्रदु सूलै तविर्त्तरुळीर्
पयन्देयॆऩ् वयिट्रिऩ् अहम्बडिये पऱित्तुप्पुरट् टिअऱुत् तीर्त्तिडनाऩ्
अयर्न्देऩ्अडि येऩ्अदि कैक्कॆडिल वीरट्टा ऩत्तुऱै अम्माऩे. 
 
इस मन्दिर का गीत                                                                                                                     बंद करो / खोलो

Get the Flash Player to see this player.

 
इस मन्दिर का चित्र                                                                                                                                   बंद करो / खोलो
   

अनुवाद:

प्रभु आप जैसे रक्षक के अभाव में मैं गृहस्थ जीवन से, सद्धर्म मार्ग से हट गया। पूर्व जन्म के फल से मैं अब आपको अपना कर सेवा कर रहा हूँ। वेदनाप्रद शूल-रोग का निवारण करने की कृपा कीजिये। मेरे शरीर में प्रवेष पाकर अतडि़यों में पीड़ा देने से यह दास अत्यधिक भयभीत हो गया। आदिकै के केडिलम् नदी के तट पर स्थित वीरस्थान देवालय में प्रतिष्ठित मेरे आराध्यदेव! मेरे ऊपर कृपा कीजिए। अदिकै के केडिलम् नदी के तट पर स्थित वीरस्थान देवालय में प्रतिष्ठित मेरे आराध्यदेव! मैं आपको जल, पुष्प और धूप देना अभी तक नहीं भूला। मैं मधुर राग-रागिनियों से निबद्ध तमिल़ गीतों का गायन नहीं भूला। मैं भली-बुरी स्थिति में आपको नहीं भूला। मैं अपनी जिह्वा से आपका नाम-स्मरण करना नहीं भूला। आप तो कपाल पर भिक्षा लेकर फिरते हैं। इस शरीर कोे वेदनाप्रद शूल-रोग से विमुक्त करने की कृपा कीजिए। मैं आपका दास इस रोग से छटपटा रहा हूँ।

रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000
சிற்பி