यह मनुष्य जीवन कर्मबन्धनों के कारण मिला है।
इसे दूर करने के लिए देह के माध्यम से चिट्रंबलम् में
प्रतिष्ठित नटराज प्रभु का दर्षन करना चाहिए।
इस प्रकार दर्षन नहीं करेंगे, तो
शरीर से प्राण छूटने पर देह को श्मषान में ले जाकर
जलाते समय सब हँसेंगे।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000