ज्योतिर्मय प्रभु का स्वरूप ब्रह्मा, विष्णु के लिए अगाोचर है।
प्रभु आँख के लिए शीतप्रद हैं।
सुगंधित वाटिकाओं से घिरे तिल्लै चिट्रंबलम् में प्रतिष्ठित प्रभु
मेरे हृदय में विराजमान हैं।
वे नृत्य करने वाले नटराज प्रभु हैं।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000