हमारे आराध्यदेव षिव, इक्षु सदृष मृदुभाषी उमादेवी के साथ रहने वाले हैं।
हीरे के पहाड़ सदृष श्वेत, अपने शरीर में त्रिपुण्ड धारण करने वाले हैं।
पंखुडि़यों से सुषोभित आरग्वध (अमलतास) मालाधारी,
वेद और षष्टांग स्वरूप हैं।
भ्रमर मण्डित सुन्दर वाटिकाओं से सुषोभित तिरुवारूर में ज्योति पुंज हैं।
वे शांति स्वरूप प्रज्वलित ज्वाला सदृष हैं।
आप पुलि़यूर में प्रतिष्ठित हैं।
आपकी प्रतिदिन कर जोड़कर स्तुति न करने पर यह मानव जीवन व्यर्थ है।
रूपान्तरकार - डॉ.एन.सुन्दरम 2000